‘नागरिक संगम’ – समाधान और संवाद का नया मंच
परिचय
जिला प्रशासन की एक अभिनव पहल “नागरिक संगम” का शुभारंभ माननीय जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा किया गया है। इसका उद्देश्य नगरवासियों और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित करना और नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है।
यह पहल 17 जनवरी 2025 से जिले के 10 नगर निकायों में चरणबद्ध तरीके से आयोजित की जा रही है। प्रत्येक वार्ड में नागरिकों के साथ संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे, जहां समस्याओं को मौके पर सुना और उनका समाधान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रशासन सरकारी योजनाओं की जानकारी और उनके लाभ भी जनता तक पहुंचाएगा।
उद्देश्य
1. समस्याओं का त्वरित समाधान:
वार्डवार जनसंवाद के माध्यम से स्थानीय समस्याओं का मौके पर निस्तारण।
2. जन-भागीदारी का प्रोत्साहन:
नागरिकों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर उनके लाभ से जोड़ना।
3. पारदर्शिता और विश्वास का निर्माण:
जनता और प्रशासन के बीच संवाद को सशक्त बनाना।
4. सेवाओं का उन्नयन:
जल, बिजली, स्वच्छता और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना।
मुख्य विशेषताएँ
1. समस्याओं का त्वरित समाधान:
सफाई, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट और अतिक्रमण जैसी स्थानीय समस्याओं का मौके पर समाधान।
2. सार्वजनिक सहभागिता:
पात्र नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता अभियान और आवेदन प्रक्रिया।
3. विशेष काउंटर की स्थापना:
गृहकर, जलकर और विद्युत बिल से संबंधित शिकायतों के समाधान हेतु विशेष काउंटर।
4. क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT):
त्वरित कार्रवाई के लिए नगर निकाय स्तर पर विशेष टीमों का गठन।
5. फीडबैक और पारदर्शिता:
नगर निकायों द्वारा किए गए कार्यों की सार्वजनिक समीक्षा और जनता से फीडबैक प्राप्त करना।
कार्यक्रम की संरचना
1. चरणबद्ध क्रियान्वयन:
17 जनवरी से फरवरी 2025 तक:
जिले के सभी 10 नगर निकायों में वार्डवार संवाद सत्र।
प्रत्येक वार्ड में समस्याओं को सूचीबद्ध कर समाधान प्रक्रिया।
2. बहु-क्षेत्रीय समन्वय:
स्वास्थ्य, शिक्षा, जल निगम, विद्युत, महिला कल्याण, लोक निर्माण विभाग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति।
विभागीय समन्वय के माध्यम से त्वरित और प्रभावी समाधान।
3. विशेष फोकस क्षेत्र:
पात्र नागरिकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना।
नागरिकों के सुझावों और शिकायतों का उचित समाधान सुनिश्चित करना।
अपेक्षित परिणाम
1. समस्याओं का त्वरित समाधान:
वार्डवार जनसंवाद में उठाई गई समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण।
2. पारदर्शिता और विश्वास का निर्माण:
प्रशासन और नागरिकों के बीच विश्वास और पारदर्शी संवाद।
3. लोक सेवाओं का सुधार:
जल, बिजली, सफाई और अन्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।
4. जन-जागरूकता:
शासन की कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्र नागरिकों तक पहुंचाना।
आगे की राह
“नागरिक संगम” को एक नियमित प्रक्रिया के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे न केवल नागरिकों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि जनसेवाओं में सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता का भी विकास होगा।
माननीय जिलाधिकारी नेहा शर्मा की यह पहल जिला प्रशासन को नागरिकों के करीब लाने और उनकी समस्याओं के समाधान का एक प्रभावी माध्यम साबित होगी।